1. क्या सभी तुलसी की माला पहन सकते हैं?
✅ हाँ, कोई भी पहन सकता है।
❌ दीक्षा ज़रूरी नहीं है।
👉🏻 लेकिन… कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
2. कोई अभक्ष भोजन या पेय ना खाएँ/पिएँ।
❌ अभक्ष्य भोजन (जैसे मांस, शराब, लहसुन-प्याज आदि)
3. मृत्यु भोज
❌ तेहरवीं आदि में भोजन न करें।
4. शास्त्रविरुद्ध आचरण न करें।
आप अब समाज में वैष्णव आचरण का प्रतीक हैं।
👉🏻 अगर आप गलत आचरण करते हैं तो आप भक्तों की आस्था को चोट पहुँचाते हैं।
5. वृंदा सखी (तुलसी महारानी)
अब वृंदा सखी (तुलसी महारानी) स्वयं आपके साथ हैं।
आपकी रक्षा करती हैं।
आपका भोजन माला के कारण प्रसाद बन जाता है।
आपको कोई अमंगल स्पर्श नहीं कर सकता।
6. हरि के दास
जब आप तुलसी की माला पहनते हैं, तो इसका अर्थ है — अब आप हरि के दास हैं।
🌸 इसलिए नाम जप करें।
जो भी नाम प्रिय लगे — उसी में मन लगायें।
निष्कर्ष: इन नियमों का पालन करके, सबको कंठी माला पहननी ही चाहिए।
हमें मनुष्य जीवन मिला ही है प्रभु को रिझाने के लिए।
👉🏻 यह एक सौभाग्य है।
मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज