तुंगभद्रा नदी के तट पर एक नगर था, जहाँ आत्मदेव नामक एक ब्राह्मण रहते थे। …
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भक्त चरित्र
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पांडवों को हर विपत्ति में श्री कृष्ण की मदद मिलती थी। दुर्योधन ने षड्यंत्र रचा …
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श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु के समय में नवद्वीप में जगाई और मधाई नामक दो क्रूर …
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गोस्वामी तुलसीदास जी श्री रामचरितमानस में कहते हैं कि ऐसा कौन-सा हृदय है जिसे स्त्री …
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भगवान व्यासदेव जी ने लिखा है कि इंद्रियाँ बहुत बलवान हैं। एक विद्वान पुरुष को …
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चतुरदास जी नाम के एक महापुरुष थे, जो अपने गुरुदेव की सेवा में रहते थे। …
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रैदास जी के सामने एक कठौता (लकड़ी का एक बरतन) रखा रहता था। वे अपना …
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गुरु की सेवा में अपने जीवन को समर्पित करना अत्यंत कठिन है। रसिक मुरारी जी …
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लोगों का भ्रम होता है कि भगवान का भजन तो केवल भिक्षुक बनकर ही किया …
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जनकपुर में एक ब्राह्मण दंपति के यहाँ प्रयागदत्त जी का जन्म हुआ। जन्म के समय …