हमारी जन्मों की प्यास ओस चाटने से नहीं बुझेगी। हमें छककर पानी पीना पड़ेगा। इसलिए …
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नाम महिमा
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एक बार देवर्षि नारद जी देवराज इंद्र के यहाँ से द्वारका पुरी जा रहे थे। …