सोशल मीडिया और मोबाइल की लत को कैसे नियंत्रित करें?

by Shri Hit Premanand Ji Maharaj
सोशल मीडिया और मोबाइल की लत को कैसे नियंत्रित करें?

हमें पता है कि सोशल मीडिया या मोबाइल फोन पर ज़्यादा समय व्यतीत नहीं करना चाहिए लेकिन फिर भी लोग रोज़ाना घंटों इनपर व्यर्थ करते हैं। लोगों को इनकी लत पड़ चुकी है। इसका प्रधान कारण कुछ इस प्रकार से है: हमारी बुद्धि कहती है कि मोबाइल पर हमारा समय बर्बाद होगा, लेकिन फिर मन कहता है कि इसमें सुख तो है। हम सबके अंदर सुख पाने की माँग है, लेकिन हम यह सुख ग़लत जगह पर ढूँढ रहे हैं। यही हमारे फँसने का कारण है। हम जितने भी पाप और ग़लत कार्य करते हैं, उन सब में हमारी बुद्धि कहती है कि यह तो गलत कार्य है लेकिन हमारा मन कहता है कि, नहीं, इसमें सुख है और फिर बुद्धि मन के अधीन हो जाती है। फिर बुद्धि अपने निर्णय पर टिक नहीं पाती, और मन-बुद्धि दोनों मिलकर हमसे पाप करा देते हैं।

मन और बुद्धि का संबंध

हम स्वयं को मन और बुद्धि समझ बैठे हैं जबकि हम तो सच्चिदानंद आत्मा हैं। हम तो केवल यह सब देख रहे हैं, यह सब कुछ हमसे अलग है। मन और बुद्धि दोनों हमसे अलग हैं। आपको अपने मन को समझाना है कि इन सब चीज़ों में सुख नहीं है, तब वो इन सब से हटेगा। अगर ऐसा नहीं किया तो लोग क़सम खाते हैं कि फिर कभी ऐसा नहीं करेंगे लेकिन चार-पाँच दिन बाद फिर लौटकर वहीं आ जाते हैं। आजकल के नौजवान और बच्चे बहुत सी ग़लत आदतों में फँस गये हैं। इसका कारण है कि बुद्धि का निर्णय मन अस्वीकार करता है और जो उसे पसंद है वो आपसे करवा लेता है। बुद्धि को इतना समर्थ होना पड़ेगा कि वो अपने निर्णय से मन को रोक सके।

सोशल मीडिया की लत से बचने पर सुविचार

बुद्धि को बलवान बनाने का उपाय

जब हम इष्ट का भजन करेंगे, तो हमारी बुद्धि, जो सब निर्णय लेती है, वह सुजान हो जाएगी। जब हम नाम जप (राधा-राधा या प्रभु का जो भी नाम आपको प्रिय हो) करेंगे तो हमारी बुद्धि बलवान हो जाएगी। और वह निश्चय करेंगी कि यह कार्य तो गलत है, अब हम कभी इसे नहीं करेंगे, हम समय बर्बाद नहीं करेंगे। आपकी बुद्धि आपको सही सलाह देने लगेगी। वह कहेगी, जितना समय हम सोशल मीडिया में व्यर्थ के दृश्यों को सुनने और देखने में लगाते हैं उतना समय हम नाम जप करेंगे, उतना समय हम शास्त्रों का स्वाध्याय करेंगे, वाणी पाठ करेंगे या सत्संग सुन लेंगे जिससे हमारा जीवन उन्नति को प्राप्त होगा।

सोशल मीडिया का सही और गलत उपयोग

सोशल मीडिया का सही और गलत उपयोग

सोशल मीडिया गलत नहीं है, सोशल मीडिया में गलत चीज़ें सर्च करके देखना गलत है। हमारी बुद्धि जो गलत मार्गों का दर्शन और श्रवण कर रही है, उसको रोकने की ज़रूरत है। हमारा मन जो इसमें सुख बुद्धि कर रहा है, उसको रोकने की ज़रूरत है। इसके लिए नाम जप बहुत आवश्यक है। हर प्रश्न का समाधान नाम है क्योंकि नाम जप के द्वारा ही हमारी बुद्धि पुष्ट होती है। परिपक्व और बलवान बुद्धि जहाँ चाहे वहाँ मन और इंद्रियों को रोक सकती है।

ग़लत और सही का ज्ञान तो सबको है। हम जानते हैं कि यह ग़लत है और नहीं करना चाहिए, लेकिन फिर भी हम ख़ुद को रोक नहीं पाते। जो ज्ञान आपको है, क्या आपने उसे कभी आचरण में उतारा? आप जितना दूसरों को उपदेश कर रहे हैं, क्या आप अपने अंदर उसे उतार रहे हैं? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम भजन नहीं करते। केवल ज्ञान से काम नहीं चलेगा। हमें नाम जप करना पड़ेगा, भगवद् आराधना करनी पड़ेगी।

ममैवांशो जीवलोके जीवभूत: सनातन: ।
मन:षष्ठानीन्द्रियाणि प्रकृतिस्थानि कर्षति ॥

इस बंधनकारी संसार में जीवात्माएँ मेरी शाश्वत अंश हैं। बंधनमय जीवन के कारण, वे छः इन्द्रियों, जिनमें मन भी शामिल है, के साथ बहुत कठिन संघर्ष कर रही हैं।
भगवद् गीता 15.7

मन अगर किसी एक इंद्रिय को अपने साथ ले ले तो वो हमें नष्ट कर देगा। जैसे अगर आपका मन आपके नेत्रों को साथ ले ले तो आपको ऐसे दृश्य देखने पर मजबूर कर देगा जो शायद आप जानते हों कि आपके पतन का कारण बनेंगे

नाम जप का महत्व

नाम जप का महत्व

अगर आप भजन नहीं करते तो आपके आचरणों में परिवर्तन नहीं आएगा। हमें सही-ग़लत का ज्ञान है, लेकिन हम उस ज्ञान का प्रयोग नहीं कर पा रहे क्योंकि हमारे पास बल नहीं है। भगवान के नाम जप, कीर्तन, लीला श्रवण और दूसरों को सुख पहुँचाने वाले आचरण करने से अध्यात्म बल आता है। इससे आप में मनमानी (मन द्वारा प्रेरित) आचरण रोकने की सामर्थ्य आ जाएगी।

मन आपकी बुद्धि को गलत सलाह दे रहा है। सुख केवल भगवान के नाम, रूप, लीला, धाम और धर्म से चलने में है। किसी को दुख ना दें। पाप कर्म दुख ही देते हैं, वे कभी सुख दे ही नहीं सकते। अभी तो बात केवल सोशल मीडिया की हो रही है, आपका मन यदि आपके नियंत्रण में नहीं आया तो वह आपसे भयानक पाप करा देगा। बुद्धि को नाम जप से सशक्त करें और मन पर रोक लगाएँ।

मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

पूज्य श्री हित प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया और मोबाइल की लत से बचने पर मार्गदर्शन करते हुए

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