जीवन में स्थिरता और सफलता पाने के लिए अपनाएं ये 8 आदतें
1. दया – Compassion
हर किसी के प्रति करुणा रखिए।
👉🏻 मित्र हो या शत्रु — जो भी दुख में हो, उसकी रक्षा करें।
👉🏻 जो बन पड़े, मदद कीजिए — पर उसमें आसक्ति मत रखिए।
👉🏻 ना कोई धन्यवाद की आशा, ना ममता।
2. क्षमा – Forgiveness
जो तुम्हें दुख दे, मानसिक या शारीरिक —
👉🏻 उससे न क्रोध करो, न प्रतिशोध लो, न कड़वे वचन बोलो।
👉🏻 ये चीजें आपकी मानसिक शांति को नष्ट करती हैं।
3. ईर्ष्या से बचें – No Jealousy
👉🏻 किसी के गुणों या तरक्की से जलना नहीं चाहिए।
👉🏻 किसी के अच्छे गुणों को अपनाएं उनके दोषों को अनदेखा करें।
4. पवित्रता – Clean Lifestyle
👉🏻 साफ-सुथरा रहना
👉🏻 व्यसनों से दूर रहना (जैसे शराब, सिगरेट, गंदा कंटेंट)
👉🏻 मन और विचारों को साफ रखना
👉🏻 आप जैसा खाएंगे, देखेंगे, सुनेंगे — वैसा ही मन बन जाएगा।
⭐️ फास्ट फूड, गंदा मनोरंजन = चंचल मन
⭐️ सात्विक जीवन, सत्संग, नाम जप = स्थिर मन
5. अनायासम (सरलता) – Effortless Living, Simplicity
👉🏻 दिखावा न करें
👉🏻 जितना है, उतने में संतुष्ट रहें
👉🏻 ज़िंदगी को जटिल न बनाएं
6. मंगल – Auspiciousness (Positive Mindset)
✅ सदैव शुभ और शास्त्रसम्मत कर्म करें।
✅ हमेशा अच्छे विचार सोचिए।
✅ गुरुदेव और संतों के मार्ग पर चलें।
❌ नकारात्मक लोगों से दूरी बनाइए।
❌ अशुभ कर्म त्याग दें।
7. अकार्पण्य / आत्मनिर्भरता – Self-Reliance
👉🏻 कभी किसी से भोग की याचना न करें।
👉🏻 किसी के वैभव को न देखें
👉🏻 संतोष ही सच्चा धन है
👉🏻 दूसरों से उम्मीद कम रखिए
8. अस्पृहा – Non-Covetousness
👉🏻 किसी भी वस्तु, व्यक्ति या स्थिति के प्रति आकर्षण, अपेक्षा या इच्छा न होना।
👉🏻 दूसरों के धन का ध्यान, परस्त्री रति — व्यक्ति का नाश कर देते हैं।
निष्कर्ष: ये 8 नियम आपके जीवन को स्थिर और सफल बना सकते हैं
मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज