नाम जप क्यों करें? नाम जप से क्या होता है?

by Shri Hit Premanand Ji Maharaj
नाम जप क्यों करें?

बार-बार नाम जप से जीवन में अद्भुत प्रभाव

1. प्रभु से अपनापन

जो बार-बार स्मरण करता है, प्रभु स्वयं उसके ऋणी हो जाते हैं। किसी संप्रदाय, किसी विधि से नहीं—केवल स्मरण से।
प्रभु को अपनापन चाहिए। बस एक अपनापन।

2. संसार से अरुचि

जिसके स्मरण में केवल प्रभु हैं, उसके लिए संसार फीका हो जाता है। वो न किसी से दुखी होता है, न किसी में आकृष्ट।

3. स्थिरता

नाम स्मरण करने वाला धीरे-धीरे हर परिस्थिति में स्थिर होने लगता है।

4. पाप कर्म का नाश

भजन में अगर जलन हो रही है, परेशान हो रहे हो—तो घबराओ मत। ये अनंत जन्मों के कर्म जल रहे हैं। ये अच्छा संकेत है।

5. प्रभु से प्रेम

भजन में सुख की आशा से मत जुड़ो। सिर्फ लगन से जुड़ो। सुख आए न आए, प्रेम आएगा।

6. प्रभु से ममता

भजन करने से कोई चीज छूटती नहीं, बल्कि सबका सही स्थान तय होता है। कामना की जगह प्रेम आ जाता है। ममता संसार से हटकर प्रभु में लग जाती है।

7. भक्ति की प्राथमिकता

भक्ति पहले होनी चाहिए। धन, संतान, सुख बाद में आते हैं। अगर भक्ति में प्राथमिकता नहीं दी, तो ये सब ही बंधन बन जाएंगे।

8. नाम जप साध्य है

नाम जप केवल साधन नहीं है—यही साध्य है। इसी में सिद्धियाँ, मोक्ष, वैराग्य, प्रेम—सब कुछ अंतर्भूत है।

9. वृंदावनवासी

जो भक्त स्मृति में डूबा है, वही सच्चा वृंदावनवासी है। शरीर कहीं भी हो, चित्त श्रीधाम में है तो वही आनंद भूमि बन जाती है।

10. चिंतन से विषय पर विजय

कामना, वासना, विकार—सबका मूल है चिंतन। जिसका चिंतन बार-बार विषयों में है, वह कमजोर होगा। और जो बार-बार प्रभु का चिंतन करता है, उसे कोई विषय परास्त नहीं कर सकता।

11. प्रभु के वचन

प्रभु कहते हैं: “जो मुझे जैसे भजता है, मैं उसे वैसा ही भजता हूँ।” आप स्मरण करते रहिए, वो आपका स्मरण करते रहेंगे।

12. दु:खद संसार पर विजय

प्रेम में, भजन में, स्मरण में स्थिर हो जाइए। बस यही उपाय है इस दु:खद संसार पर विजय का।

निष्कर्ष: हर परिस्थिति में, हर अवस्था में नाम जपते रहिए:

नाम जप —
👉🏻 यही सबसे बड़ा लाभ है।
👉🏻 यही परम विश्राम है।

मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज नाम जप पर मार्गदर्शन करते हुए

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