मोबाइल देखे बिना नींद नहीं आती? इससे छुटकारा कैसे पाएं?

by Shri Hit Premanand Ji Maharaj
मोबाइल की लत कैसे छोड़ें

रात को सोने से पहले अपनाएं ये 10 नियम — मोबाइल की लत छूट जाएगी

1. जीवन की अंतिम रात्रि

रात को सोते समय ऐसे सावधान हो जाइए जैसे एक योगी मृत्यु से पहले हो जाता है। अपने मन, इंद्रियाँ और विचार—सब समेट लीजिए। जैसे यह जीवन की अंतिम रात्रि हो।

2. सोना है या मरना? सोच बदलें।

सोते समय यह सोचें: “मैं नींद में जा रहा हूँ या मृत्यु में?” कोई अंतर नहीं। कई लोग सोए और फिर जागे ही नहीं।

3. शयन के नियम

हमें निश्चित समय पर शयन करना चाहिए। जैसे रोज़ 10:00 बजे लेट जाना है। सोना नहीं, लेटना। भगवत् चिंतन या नाम जप करते हुए लेटना है। फिर नींद आए या न आए, टेंशन नहीं लेना।

4. प्रभु का चिंतन

जो नींद नहीं आने की चिंता करते हैं, उन्हें नींद कभी नहीं आती। जो प्रभु का चिंतन करते हैं, उन्हें पता भी नहीं चलता—कब सो गए।

5. नींद में भी नाम जप करें।

नींद में विशेषता है: संसार का चिंतन छूटता है। संसार का चिंतन छूटने पर शक्ति वापस आती है। तो क्यों न उस समय प्रभु के नाम में डूबें?

6. रात का अन्त: सिर्फ नाम जप।

सोते समय कोई वार्ता नहीं, कोई मोबाइल नहीं, कोई दृश्य नहीं। बस नाम जप— दिन का यही अन्तिम अभ्यास बने। जब उठोगे, तो भी नाम जप चलता रहेगा।

7. नेत्र ब्रह्मचर्य का पालन

शयन समय सावधानी न रही तो रात्रि भ्रष्ट हो जाएगी। ग़लत चीज़ें देखकर सोएँगे, तो ब्रह्मचर्य नष्ट होगा ही। जागृति में नहीं तो स्वप्न में।

8. विकारों से बचें

ध्यान रखो, मोबाइल छाती पर रखकर मत सोओ। वह तुम्हारा ध्यान खींचेगा। प्रभु को नहीं—विकारों को आमंत्रण मिलेगा।

9. प्रभु के चरणों में प्रार्थना करें

सोने से पहले वृंदावन को मानसिक प्रणाम करें। प्रभु से कहें, हम जैसे भी हैं, आपके ही हैं।

10. सुबह पहला नाम — प्रभु का।

सुबह उठते ही मोबाइल नहीं, प्रभु का नाम लीजिए। सबसे पहले गुरु को प्रणाम, कुछ भक्तों के नाम लेकर उनको प्रणाम, फिर नाम जप—भले 5 मिनट ही। फिर अपनी दिनचर्या की शुरुआत करें।

मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज रात को सोने से पहले मोबाइल देखने की आदत से छुटकारा पाने पर मार्गदर्शन करते हुए

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