मन में बार-बार बुरे विचार आते हैं। इससे कैसे छुटकारा पाएं?

by Shri Hit Premanand Ji Maharaj
मन में बार-बार बुरे विचार आते हैं। इससे कैसे छुटकारा पाएं?

मन के सभी विकारों को जड़ से मिटा देंगे ये 10 रहस्यमयी सूत्र।

1. स्थान का प्रभाव

जहाँ आप खड़े हैं, बैठते हैं, रहते हैं—उसका सीधा असर आपके विचारों पर होता है। सत्संग स्थल, तीर्थ, वन, नदी तट—यह सब मन को शांत करते हैं। दूसरी ओर, अपवित्र या विषय वासना से भरे स्थान मन को दूषित कर देते हैं।

2. अन्न का प्रभाव

जिस भोजन को आप ग्रहण करते हैं, वह केवल शरीर को ही नहीं, मन को भी गढ़ता है। इस प्रकार का अन्न वासना को जागृत कर देता है।

  • अधर्म से कमाया हुआ अन्न,
  • विकारी भाव से पकाया हुआ खाना।

3. जल का प्रभाव

आजकल जल भी दूषित हो गया है। प्लास्टिक की बोतलों, नालों, अपवित्र साधनों से निकला जल मन में अशांति और विकार भर देता है। जितना हो सके गंगा जल, कुएं का पानी, या शुद्ध जल ग्रहण करें।

4. संगति का प्रभाव

जिस परिवार, समाज या परिकर में आप रहते हैं, वही आपकी वृत्ति बनाता है।

  • कामुक, क्रोधी या लोभी की संगति → तमोगुण बढ़ाता है
  • भजन प्रिय, शांतचित्त की संगति → सतोगुण जगाता है

5. पड़ोसी का असर

आपके आस-पास रहने वालों की वाणी, दृष्टि, और कर्म का प्रभाव अनजाने में आपके मन पर पड़ता है। रावण के कारण समुद्र को भी दंड मिलने वाला था—ऐसा है पड़ोस का प्रभाव।

6. दृश्य का प्रभाव (मोबाइल विशेष)

आप जो देखते हैं, वही सोचते हैं। मोबाइल आज मन को दूषित करने वाला सबसे बड़ा उपकरण बन गया है। मोबाइल में क्या देखना है, इसका चयन आपकी सोच बनाएगा।।

✘ अश्लील दृश्य
✘ फालतू मनोरंजन
✔ संतों की वाणी
✔ कीर्तन/भजन

7. साहित्य व कार्य का प्रभाव

आप क्या पढ़ते हैं, क्या सुनते हैं, किस काम में लगे हैं—वही मन की दिशा तय करता है।

  • भक्ति साहित्य, हरि नाम, सेवा कार्य → मन निर्मल होगा
  • कामुक, भोगी, हिंसक content → मन विकृत होगा

8. एकांत और आत्मचिंतन

भीड़ से थोड़ा अलग होकर अपने विचारों का निरीक्षण करें। ‘मैं क्या सोच रहा हूँ?’ यह प्रश्न ही विकारों को रोक देगा। जो मन में है, वही जीवन बन जाएगा।

9. संगत और त्याग

बुरी संगति से तुरंत दूर हो जाइए। कोई कितना भी प्रिय क्यों न हो, यदि उसके कारण आपकी वृति नीचे जा रही है, तो त्याग करना ही साधक का धर्म है।

10. भगवान का नाम, रूप, लीला और धाम

यही है मन को नियंत्रित करने का परम उपाय। नाम जप करते रहिए, भगवान की लीला सुनिए, उनका ध्यान कीजिए— मन अपने आप निर्मल होता जाएगा।

निष्कर्ष

यदि आपको बार-बार गंदे विचार आते हैं तो स्थान, अन्न, जल, संगति, दृश्य, साहित्य, और चिंतन—सबकी जाँच करिए।
नाम जप, उपवास और धाम की परिक्रमा आपके मन को शांत कर देंगे। मन को जीतना कठिन है, पर असंभव नहीं।

मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज मन को बुरे विचारों से छुटकारा दिलाने पर मार्गदर्शन करते हुए

Related Posts

error: Copyrighted Content, Do Not Copy !!