क्या प्याज-लहसुन खाने से भक्ति में विघ्न आते हैं?

by Shri Hit Premanand Ji Maharaj
क्या प्याज-लहसुन खाने से भक्ति में विघ्न आता है?

क्या प्याज-लहसुन भक्ति में बाधा हैं?

नाम जप, भजन और साधना — ये सात्त्विक वृत्ति मांगते हैं और प्याज-लहसुन तमोगुण को बढ़ाने वाली हैं। ये स्वाद के लिए खाए जाते हैं।

प्याज-लहसुन कोई दुर्गंध के कारण त्याज्य नहीं हैं। वे त्यागने योग्य हैं क्योंकि वे वृत्ति में तमोगुण लाते हैं — जड़ता, आलस्य, और भोग की वृत्तियाँ जगाते हैं। “हम जैसा अन्न खाते हैं, वैसा ही हमारा मन बनता है।” यही आयुर्वेद और योग की बुनियादी शिक्षा है। तो जो चीजें मन को नीचे खींचें, उनका त्याग साधना के मार्ग पर एक स्वाभाविक कदम है।

भजन में प्रगति तब होती है जब शरीर और मन सात्त्विक हो। भगवान का भोग प्याज-लहसुन से युक्त भोजन से नहीं लगता तो जो वस्तु ठाकुर जी को नहीं चढ़ती, भक्त को उसे नहीं खाना चाहिए। प्याज-लहसुन के बिना जीवन रुकता नहीं और स्वाद भी नहीं रुकता। बहुत से स्वादिष्ट व्यंजन हैं जो पूरी तरह सात्त्विक हैं, जिसका भगवान को भोग लगाकर साधक खा सकते हैं।

प्याज-लहसुन का सेवन कौन कर सकता है?

आयुर्वेद लहसुन को औषधि के रूप में उपयोग करता है। जैसे ज़हर भी सही मात्रा और रूप में दवा बनता है। तो औषधि रूप में लिया गया प्याज-लहसुन कोई दोष नहीं। लेकिन रोज़ के भोजन में इसका सेवन तमोगुण को पोषित करता है।

विद्यार्थी, नौकरीपेशा लोग, आर्मी में रहने वाले — जिनके पास विकल्प नहीं होता, उनके लिए इसका त्याग करना ज़रूरी नहीं है। लेकिन अगर आपके पास विकल्प है — तो क्यों न सात्त्विक आहार की ओर बढ़ें? अगर प्याज-लहसुन के बिना रहा जा सकता है, तो अवश्य रहना चाहिए। यह पाप नहीं है, लेकिन दोष है और हर वह दोष जो भजन में बाधक है, साधक को छोड़ देना चाहिए।

निष्कर्ष: कैसा आहार भक्ति और साधना में सहायक है?

नाम जप, भक्ति और साधना करना है तो कोशिश करनी चाहिए कि आहार शुद्ध हो। शुद्ध और सात्त्विक आहार नाम जप में सहायक होता है।

नाम अमृत है, और प्याज-लहसुन तमस। इसका त्याग कोई मजबूरी नहीं — एक प्रेममय चुनाव है। भगवान के लिए त्याग में आनंद है। आहार शुद्ध होगा तो मन भी निर्मल होगा और निर्मल मन से ही नाम में रस आएगा।

मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज भक्ति के लिए प्याज़-लहसुन वाला भोजन त्यागने पर मार्गदर्शन करते हुए

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