जीवन में ये 8 दैनिक उपाय अपनाकर ला सकते हैं चमत्कारी बदलाव
1. केवल बाहर से त्यागी बनने की कोशिश न करें
भीतर संग्रह, स्वाद, मान की इच्छा न रखें
2. हर किसी को सम्मान दें
- किसी की भी निंदा करने से बचें
- तुलना करने से बचें — सबको प्रभु का अंश मानें
3. सम्मान या पद की इच्छा न रखें
दूसरों को छोटा न समझें, चाहे वो कोई सेवक ही क्यों ना हो
4. अपनी वाणी में संयम रखें
क्रोध या कटाक्ष से वाणी को अशुद्ध न करें
5. नियमों का पालन दृढ़ता से करें
दिनचर्या (जप, उठना, आहार) को बनाए रखें आलस्य या इच्छा से अपने नियमों को ना तोड़ें
6. गप्पे मारना, फ़ालतू चर्चा
इनमें समय व्यर्थ ना करें व्यर्थ की बातें मन को अशुद्ध और चंचल बनाती हैं।
7. शास्त्रों के शासन को पूर्ण रूप से स्वीकार करो
केवल उनकी बातों को सुनना नहीं, बल्कि उनके आदेशों को जीवन में उतारना भी है।
8. जितेन्द्रिय जीवन
इन्द्रियों पर नियन्त्रण, आकर्षणों से दूरी।
“अब तक जो हुआ, सो हुआ।” अब इन पाँच शत्रुओं— काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या — की गुलामी से मुक्त हो जाएँ।
निष्कर्ष: यह सोच आपके जीवन को आनंदित कर देगी।
“मेरे बस में कुछ नहीं, प्रभु के बस में सब कुछ है”।
भगवान पर भरोसा रखना चाहिए, वे सब कुछ देख रहे हैं इसलिए उनका नाम जपते रहना चाहिए और अपने कर्म करते रहना चाहिए।
मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज