वैवाहिक जीवन में पति पत्नी का संबंध कैसा हो?
पति-पत्नी को वैवाहिक जीवन में एक-दूसरे का सहयोग करते हुए मित्र भाव से चलना चाहिए। उन्हें अपनी-अपनी रुचियाँ एक-दूसरे पर थोपने के बजाय परस्पर अनुकूल बनानी चाहिए।
वैवाहिक जीवन में ब्रह्मचर्य के पालन का क्या उपाय है?
वैवाहिक जीवन में यदि ब्रह्मचर्य का पालन करना हो, तो सबसे पहली आवश्यकता है — पति-पत्नी के बीच आपसी समझ और सामंजस्य की। पति-पत्नी को चाहिए कि वे अपनी-अपनी रुचियों को एक-दूसरे के प्रति अनुकूल बनाएं।
यदि पत्नी की रुचि ब्रह्मचर्य में है और वह संयमपूर्वक जीवन जीना चाहती है, तो उसे चाहिए कि वह प्रेमपूर्वक और स्पष्ट रूप से अपने पति को यह बात बताए और अपनी रुचि में उन्हें अनुकूल करे।
वैवाहिक जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन न हो पाए तो क्या करें?
यदि जीवनसाथी अनुकूल न हो, तो ध्यान रखें कि आपके कारण वह भटकाव या गलत मार्ग पर न चला जाए। आप एक-दूसरे को सहारा दें क्योंकी दोनों को मिलकर संसार-मार्ग में चलना है — यही गृहस्थ धर्म है।
आजकल इतने ज्यादा तलाक क्यों हो रहे हैं?
आजकल पति-पत्नी कुछ ही दिनों में तलाक ले लेते हैं, जो उचित नहीं है। केवल अपनी-अपनी रुचि का पालन करना सही नहीं है।। वैवाहिक जीवन में समझदारी, सहयोग और समर्पण आवश्यक है, वरना ये पवित्र रिश्ते टूट जाते हैं।
निष्कर्ष
वैवाहिक जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन अत्यंत उत्तम धर्म है, पर यदि एक जीवनसाथी की उसमें रुचि न हो, तो दूसरे को उसे समझना और सहयोग देना चाहिए — ताकि वह कहीं भटक न जाए और उसका मार्ग भ्रष्ट न हो। एक-दूसरे की रुचि का सम्मान और सहयोग करना ही गृहस्थी की यात्रा को सफल बनाता है।
मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज