प्रश्न: मैं बहुत निराश और हताश हूँ। मैं हस्तमैथुन और गंदी फिल्में देखना छोड़ नहीं पा रहा हूँ। मैं सारा दिन घर में पड़ा रहता हूँ। मैं छह-सात वर्ष से डिप्रेशन की दवाई ले रहा हूँ। मैं किसी भी कार्य योग्य नहीं रहा हूँ। मुझे बचा लो।
महाराज जी द्वारा मार्गदर्शन: आपको कुछ नहीं छोड़ना। आज से निश्चिंत हो जाओ और पहले अपने दिमाग से हटा दो कि मुझे कुछ छोड़ना है। आप बस नाम जप को पकड़ लीजिए और जो हो रहा है उसकी चिंता मत कीजिए। आप प्रसन्न रहिए और ख़ुद को किसी कार्य में व्यस्त रखने का प्रयास करें। आप गलत हो ऐसा अपने दिमाग़ से हटा दो। आप निश्चिंत रहो, आप कभी गलत हो ही नहीं सकते, आप भगवान के अंश हैं। बस आपका अंतःकरण और मन गलत हो गया है। आप इसे दंड भोगने दें और ख़ुद कोई चिंता ना करें। आप भगवान के अविनाशी अंश हैं।
ईस्वर अंस जीव अबिनासी।
चेतन अमल सहज सुख रासी॥
श्री रामचरितमानस
जीव ईश्वर का अंश है। (अतएव) वह अविनाशी, चेतन, निर्मल और स्वभाव से ही सुख की राशि है॥
आप में कभी कोई विकार आ ही नहीं सकता। आपने बस अपने आप को भूलकर, शरीर और मन को अपना मान लिया। इसी वजह से सारी गलतियाँ हो रही हैं। सबसे पहले तो आप यह सोचना बंद करें कि आप में कोई विकार है। जैसा सोचोगे वैसा बन जाओगे। यही कारण है आपके डिप्रेशन का। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप आज से ऊपर उठने लग जाएँगे। निरंतर राधा नाम का जप करें। अगर आपका मन कुछ सोच रहा है तो उसे सोचने दें, आप बस बार-बार राधा-राधा जपते रहें। जो गलती हो रही है, उसे होने दें। आप बिल्कुल निश्चिंत हो जाएँ। नाम जप से एक दिन आप में वो बल आ जाएगा कि यह सब ख़ुद ही छूट जाएगा। बहुत जल्दी ही वो समय आएगा। आपका प्रयास और श्री जी का बल आपको उठाएगा। आप बिल्कुल निश्चिंत रहें। आप किसी भी गलती का टेंशन ना लें, और सबसे पहले टेंशन मुक्त हों। इसके बाद आपकी प्रसन्नता आपकी गलती पर चढ़ बैठेगी और गलती ठीक होने लगेगी। धीरे-धीरे आप ठीक हो जाएँगे।
अब बस एक बात का ध्यान रखें: अब कभी अपने ब्रह्मचर्य को स्वयं खंडित ना करें। इससे आपके दिमाग का स्तर सुधर पाएगा। आज के बाद बस कभी हस्तमैथुन ना करें, बस अपने हाथों पर काबू रखें। बस इस एक बात का ध्यान रखें और राधा-राधा जपें; एक महीने में ही आपको बदलाव दिखेगा।
अगर आप इस आर्टिकल को पढ़ या सुन रहे हैं और राधा-राधा जप रहे हैं तो आपके ऊपर भगवान की विशेष कृपा है। आप आज से डिप्रेशन रहित हैं। मान लीजिए। अब मत मानना कि आप डिप्रेशन में हैं। आपसे जो गलती हो, उसे होने दें। बस एक चीज़ रोक लें; हस्तमैथुन ना करें। अब हमें कोई चिंता नहीं; आज से आप देखना, आपका परिवर्तन शुरू हो जाएगा।
अगर आप ज़्यादा समय घर पर रहते हैं तो आपको घर से बाहर निकलना चाहिए। आप कोई काम या रोज़गार ढूँढ सकते हैं। कम से कम दो-चार घंटे कहीं बाहर काम करें। कोई भी काम करें। कोई ना कोई काम ढूँढें। बस घर पर पड़े ना रहें। आप किसी ऑफिस में कोई छोटी नौकरी भी कर सकते हैं। बैठे मत रहो, मन को समय मत दो। यह मन बहुत दुष्ट है। आज कल के बच्चे गलत आचरणों में फँसते जा रहे हैं; ब्रह्मचर्य हीनता इसका प्रमुख कारण है। इससे मन पापमय होता जाता है और वही हमें दंड देता है। और अगर हम नाम जपें और भगवान के कहे अनुसार चलें, तो यही मन प्रसन्न हो जाता है। इसी मन को ठीक करने के लिए अध्यात्म है। और जब ये मन ठीक हो जाता है, तो चाहे जितना कष्ट हो, आनंद बना रहता है। आप बस राधा-राधा जपते रहें, सब ठीक हो जाएगा।
नोट: यदि आप स्वप्नदोष या अत्यधिक हस्तमैथुन की आदत से जूझ रहे हैं या ब्रह्मचर्य बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए मददगार होंगे:
1. स्वप्नदोष को कैसे रोकें?
2. हस्तमैथुन के दुष्प्रभाव
3. ब्रह्मचर्य के लिए आवश्यक भोजन और दिनचर्या के नियम
4. काम वासना पर विजय कैसे प्राप्त करें?
5. ब्रह्मचर्य पर मोबाइल फोन के हानिकारक प्रभाव
मार्गदर्शक: श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज