हर दिन केवल कुछ मिनट निकालें और श्री हित चतुरासी जी का पाठ करें, इससे …
अध्यात्म
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ॐ क्लीं देवः कामदेवः कामबीजशिरोमणिः।श्रीगोपालो महीपालः सर्ववेदांगपारगः ॥1॥ धरणीपालको धन्यः पुण्डरीकः सनातनः ।गोपतिर्भूपतिः शास्ता प्रहर्ता …
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जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि।दयित दृश्यतां दिक्षु तावकास्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥1॥ व्याख्या …
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मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणिप्रसन्न वक्त्र पङ्कजे निकुञ्ज भूविलासिनिव्रजेन्द्र भानु नन्दिनि व्रजेन्द्र सूनु संगतेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥1॥ …
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आश्रय एक बहुत बड़ा बल है। यदि हम प्रभु के आश्रित हो जाएँ या धाम …
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नाम जप में निरंतरता बनाए रखने में हमारे चित्त को सबसे अधिक बाधा पहुँचा सकता …
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अध्यात्मभक्त चरित्र
कितना भी दान-पुण्य कर लो, लेकिन नाम जप के बिना सब व्यर्थ है: क्यों महादानी राजा नृग को गिरगिट बनना पड़ा? (ऑडियो सहित)
द्वारिका में शाम का समय था। भगवान श्री कृष्ण के पुत्र खेल रहे थे। खेल-खेल …
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अष्टयाम सेवा हित उपासना का अभिन्न अंग है। अष्टयाम का तात्पर्य दिनभर में सहचरियों द्वारा …
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यदि आपको वृंदावन आने को मिला है, वृंदावन वास मिला है, या वृंदावन की आराधना …
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जब हम किसी नई जगह घूमने जाते हैं, तो हमें एक गाइड की आवश्यकता होती …