द्वारिका में शाम का समय था। भगवान श्री कृष्ण के पुत्र खेल रहे थे। खेल-खेल …
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अध्यात्म
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क्या अपवित्र अवस्था (शौच, लघुशंका, Periods आदि) में पूजा-पाठ, नाम जप या मंत्र जप कर सकते हैं?
क्या भगवान की स्तुतियों का पाठ (जैसे कि विष्णु सहस्रनाम या गोपाल सहस्रनाम) अपवित्र अवस्था …
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अष्टयाम सेवा हित उपासना का अभिन्न अंग है। अष्टयाम का तात्पर्य दिनभर में सहचरियों द्वारा …
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नाम जप करते समय गलत विचार और पूर्व की गलतियाँ इसलिए सामने आती हैं क्योंकि …
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यदि आपको वृंदावन आने को मिला है, वृंदावन वास मिला है, या वृंदावन की आराधना …
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जब हम किसी नई जगह घूमने जाते हैं, तो हमें एक गाइड की आवश्यकता होती …
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धर्म विरुद्ध भोगों का त्याग करें। ये विष के समान हैं; जब यह चढ़ते हैं …
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अगर आप दूर देश में रह रहे हैं या अगर आप में इतनी सामर्थ्य नहीं …
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हम सभी को एक दिन मरना है, उसका समय और घटना निश्चित है, बस हमें …
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सबके अंदर भावना होती है कि भगवान और संत जनों के पास जाकर हमारी समस्याओं …