1. ब्रह्मचर्य टूटा क्यों?
मन अशांत क्यों?
आत्मबल खोया क्यों?
एक भूल जो हर युवा कर रहा है…
2. ब्रह्मचर्य को मामूली मत समझो।
जीवन कोई मौज-मस्ती का नाम नहीं।
ब्रह्मचर्य के बिना जीवन, मृत जीवन है।
और ब्रह्मचर्य से युक्त जीवन – अमृतमय हो जाता है।
3. ब्रह्मचर्य सिर्फ शारीरिक संयम नहीं है।
यह मन, वाणी और शरीर की पूर्ण साधना है।
जो आठ प्रकार के भोगों का त्याग करे – वही सच्चा ब्रह्मचारी।
4. ब्रह्मचर्य तोड़ने वाली 8 बातें:
👉 गलत फ़िल्में देखना
👉 अश्लील बातें सुनना
👉 कामुक विचार करना
👉 काम विषयों में चर्चा करना
👉 कामभाव से स्पर्श करना
👉 छुपकर किसी को देखना
👉 कामुक कल्पनाएँ करना
👉 काम क्रिया का संकल्प लेना
5. ब्रह्मचर्य के बिना –
मन व्याकुल, शरीर रजोगुणी, हृदय जलता, वाणी भ्रमित रहती है।
6. ब्रह्मचर्य की शुरुआत सुबह से होती है।
जो ब्रह्मचर्य चाहता है –
वो सूर्योदय से पहले, प्रातः 4 बजे उठे।
7. देर से उठने वाले ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर सकते
जो सुबह 8–10 बजे तक सोता है,
वो चाहे जितनी कोशिश कर ले –
ब्रह्मचर्य निभा नहीं सकता।
उसका शरीर स्वप्न दोष व विकारों से ग्रस्त रहेगा।
8. ब्रह्मचर्य और गंदी फ़िल्में
ब्रह्मचर्य का पहला नियम:
जो तुम देखते हो, सुनते हो, बोलते हो –
वही मन में संकल्प बनाता है।
9.
अगर तुम गंदी चीजें देखोगे,
अशुद्ध बातें सुनोगे,
या उन पर चर्चा करोगे –
तो ब्रह्मचारी नहीं रह सकोगे।
10. मोबाइल फ़ोन का ब्रह्मचर्य पर हानिकारक प्रभाव
आज मोबाइल ने सब कुछ बिगाड़ दिया है।
एक क्लिक में कामोत्तेजक दृश्य और अशुद्ध वचन –
ये तुम्हारी ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं।
11.
सावधान:
भोग के बाद तृप्ति नहीं आती –
बल्कि और अधिक तृष्णा पैदा होती है।
भोग का मार्ग नरक की ओर ले जाता है।
12. गृहस्थी में ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें?
गृहस्थ हो या वैरागी –
दोनों के लिए ब्रह्मचर्य आवश्यक है।
बस उसका पालन करने की विधि अलग होती है।
13.
जो संयम में रहकर गृहस्थ धर्म निभाता है –
वही श्रेष्ठ गृहस्थ है।
वरना गृहस्थी भी विकारमय नरक बन जाती है।
14. ब्रह्मचर्य के लिए आदर्श दिनचर्या:
🕓 प्रातः 4 बजे उठें
📿 प्रभु नाम का जप करें
💧 वज्रासन में हल्का गर्म पानी पिएँ
🚿 शौच-स्नान करें
🏋️♂️ व्यायाम और प्राणायाम करें
🥗 केवल सात्विक आहार लें
🧘♂️ वाणी का संयम रखें
15. कब्ज और ब्रह्मचर्य
कब्ज और ब्रह्मचर्य का गहरा संबंध है।
कब्ज ब्रह्मचर्य का नाशक है।
हरड़, ईशबगोल, हल्का गर्म दूध –
पाचन सुधारें, आतें शुद्ध करें।
शुद्ध आतें = शुद्ध मन।
16. ब्रह्मचर्य के लिए व्यायाम ज़रूरी
ब्रह्मचर्य के लिए व्यायाम उतना ही ज़रूरी है जितना भजन।
2 किमी दौड़ो, सीढ़ियाँ चढ़ो, प्राणायाम करो।
शरीर स्वस्थ रहेगा तो सेवा और साधना सफल होगी।
17.
बचपन से ही बच्चों को सिखाओ –
20–22 की उम्र तक पूर्ण संयम रखें।
अभी संयम रखोगे – तो आगे जीवन में उत्तम फल मिलेगा।
18. स्वप्न दोष और ब्रह्मचर्य
अगर कभी स्वप्न दोष होता है –
तो आत्ममंथन करो:
क्या देखा? क्या सुना? क्या खाया?
कहीं कोई ग़लत चेष्टा तो नहीं हुई?
19.
लेकिन अगर कोई विकारी चेष्टा नहीं हुई,
कोई गंदा दृश्य नहीं देखा –
तो दोष थकावट या अन्य कारणों से हो सकता है।
वो ब्रह्मचर्य भंग नहीं माना जाएगा।
20. क्या ब्रह्मचर्य केवल पुरुषों के लिए है?
स्त्री हो या पुरुष –
जिस शरीर को तुम काम भाव से देखोगे – तो वही शरीर तुम्हारे लिए नरक का द्वार बन जाएगा।
21.
आपका जीवन अनमोल है।
इसे मोबाइल, कामुक बातों, भोग और आलस्य में मत गँवाओ।
22.
ब्रह्मचर्य ही जीवन है।
ब्रह्मचर्य हीनता मृत्यु है।
जो इस एक साधन को साध ले –
उसके लिए कोई कार्य कठिन नहीं।
23.
यह अंत नहीं, प्रारंभ है।
यदि आप सचमुच जीवन में ऊपर उठना चाहते हैं –
तो ब्रह्मचर्य को जीवन बना लो।
जिसका ब्रह्मचर्य ठीक, उसका जीवन दिव्य।
राधे राधे। 🙏
मार्गदर्शक: पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज