असुरों के राजा वृषपर्वा की पुत्री का नाम शर्मिष्ठा था, और असुरों के गुरु शुक्राचार्य …
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जनवरी 2025
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क्या सत्संग सुनने के बाद आपको भी वैरागी जीवन जीने का मन करता है? लेकिन …
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पाप कर्म करने से आत्मविश्वास और आत्मबल इतना नष्ट हो जाता है कि व्यक्ति को …
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जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहता है, उसे इन बातों को अपने जीवन में …
- अध्यात्मभक्त चरित्र
कितना भी दान-पुण्य कर लो, लेकिन नाम जप के बिना सब व्यर्थ है: क्यों महादानी राजा नृग को गिरगिट बनना पड़ा? (ऑडियो सहित)
द्वारिका में शाम का समय था। भगवान श्री कृष्ण के पुत्र खेल रहे थे। खेल-खेल …
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जनाबाई जी का जन्म गोदावरी तट पर गंगाखेड नामक एक ग्राम (महाराष्ट्र) में हुआ था। …
- अध्यात्म
क्या अपवित्र अवस्था (शौच, लघुशंका, Periods आदि) में पूजा-पाठ, नाम जप या मंत्र जप कर सकते हैं?
क्या भगवान की स्तुतियों का पाठ (जैसे कि विष्णु सहस्रनाम या गोपाल सहस्रनाम) अपवित्र अवस्था …
- भक्त चरित्र
करमैती बाई जी की कहानी – घर छोड़कर वृंदावन में कठिन वास और किया खंडेला के बांके बिहारी जी को प्रकट
करमैती बाई जी, शेखावत राजा के पुरोहित श्री परशुराम जी की पुत्री थीं। उनका निवास …